“माँ बाप का बटवारा” भोजपुरी फिल्म का ट्रेलर हुआ आउट, रुला देगी ये फिल्म
Last Updated on July 2, 2024 by Priyanshi
“माँ बाप का बटवारा” भोजपुरी फिल्म का ट्रेलर हुआ आउट, इस फिल्म के ट्रेलर को देखने के बाद आपकी आँखें नम हो जाएँगी। क्योकिं इस फिल्म में आज के समाज की सच्चाई दिखाई गई है जिसमे एक माँ बाप को उनके बच्चे कैसे अलग अलग रहने को मजबूर कर देते हैं। फिल्म कुछ कुछ हिंदी फिल्म बागबान की भी तरह दिखाई दे रही है। तो चलिए देखते हैं इस फिल्म की सारी जानकारी।
कब और कहां रिलीज किया गया है इस भोजपुरी फिल्म का ट्रेलर ?
“माँ बाप का बटवारा” भोजपुरी फिल्म का ट्रेलर 8 जून को B4U भोजपुरी यूट्यूब चैनल पर रिलीज किया गया है। और ट्रेलर का वीडियो कुल 4 मिनट 23 सेकंड का है। ट्रेलर को अब तक एक मिलियन से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। ट्रेलर अच्छा है और इससे कहानी के बारे में पूरा अंदाजा लगाया जा सकता है।
इन कलाकारों ने काम किया है इस फिल्म में
इस फिल्म की स्टार कास्ट कुछ इस प्रकार है – शुभी शर्मा, गुंजन पंथ , शैलेशा मिश्रा , प्रेम दुबे , रीना सिंह , अमित शुक्ला, अयाज़ खान , प्रशांत सिंह , अनु ओझा बाल कलाकार।
कब रिलीज होगी यह फिल्म ?
इस फिल्म की रिलीज डेट आ चुकी है। वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर मे देखिये भोजपुरी फिल्म “माँ बाप का बटवारा” 6 जुलाई शनिवार ,शाम 6.30 बजे और 7 जुलाई ,रविवार , सुबह 9.30 बजे सिर्फ B4U भोजपुरी चैनल पर !
जानें कौन है इस फिल्म के निर्माता निर्देशक ?
- निर्देशक – इश्तियाक़ शेख बंटी
- निर्माता – संदीप सिंह, अंजनी तिवारी, निलाभ तिवारी
- कांसेप्ट – संदीप सिंह व विशाल यादव
- कथा पटकथा , संवाद – सत्येंद्र सिंह
- संगीत – साजन मिश्रा
- गीतकार- – प्यारे लाल यादव
- गायक- सुगम सिंह , अलका झा, संध्या सरगम , प्रियंका सिंह
- छायांकन – डी के शर्मा
- कोरियोग्राफर – कानू मुख़र्जी, सोनू प्रीतम
- संकलन – धरम सोनी
- कला – अंजनी तिवारी
- पोस्ट प्रोडक्शन -बॉलीवुड उमंग
- ट्रेलर,डी .आई. कलरिस्ट – धरम सोनी
- पार्श्व संगीत& मिक्सिंग – प्रियांशू राज
जानें माँ बाप का बटवारा भोजपुरी फिल्म की पूरी कहानी
इस फिल्म की कहानी की बात करें तो कहानी अच्छी है और पूरी तरह से पारिवारिक है और एक ही परिवार की पूरी कहानी है। एक परिवार है जिसके मालिक है अमित शुक्ला, उनकी पत्नी हैं और उनके दो बेटे हैं। एक बेटे हैं अयाज़ खान और दूसरे बेटे हैं प्रशांत सिंह। दोनों बेटों की शादी हो चुकी है और एक ही पत्नी हैं शुभी शर्मा और दूसरे की पत्नी हैं गुंजन पंथ।
दोनों बेटों के परिवार की आपस में नहीं बनती और इसलिए दोनों बटवारा करने का निर्णय लेते हैं। और जब बटवारा हो रहा होता है तो बात ये आती है की माता पिता किसकी तरफ रहेंगे ? इस पर दोनों की पत्निया कहती हैं की एक बेटे के साथ पिता जी रहेंगे और दूसरे बेटे के साथ माता जी रहेंगी। और फिर यहाँ से शुरू होती है माता और पिता की परेशानियां।
जब पिता को कुछ चाहिए होता है तो वे अपने तरह के बेटे से कहते हैं और ठीक ऐसा ही माता जी भी करती हैं लेकिन जब पिता जी का खाना नहीं बना होता तो माता जी भी खाना नहीं खाती और कहती हैं की तुम्हारे बाबू जी ने अभी खाना नहीं खाया है तो मैं कैसे खा लूँ। और एक दिन माता जी बीमार हो जाती हैं और उनके तरफ का बेटा घर में नहीं रहता है तो दूसरा बेटा दवाई लेने नहीं जाता क्योकिं माता जी उसकी तरफ नहीं रहती। और फिर पूरी रात माता जी की सेवा बाबू जी ही करते हैं और कोई उनके पास नहीं आता। और ऐसा वाकई पहले भी होता था और आज के समाज में भी होता है।
बड़ी परेशानियां झेलने के बाद पिता जी कहते हैं की जो हम दोनी की सेवा करेगा उन्हें ही मैं अपना घर, जमीन और जायदाद दूंगा किसी और को नहीं। और इस बात पर उनके दोनों बेटे और बहुवें और साथ ही साथ पड़ोस के प्रेम दुबे भी उन दोनों की खूब सेवा करते हैं। लेकिन ऐसा करते करते वे थक जाते हैं और उन दोनों को प्रॉपर्टी नहीं मिलती, इस पर दोनों बेटे कहते हैं की सारी प्रॉपर्टी उनकी है और इसको दो भाग में बाँट दो, इस पर पिता जी कहते हैं की तुम सब मनाओ की हम दोनों मर जाएँ इसके बाद ही प्रॉपर्टी तुम्हे मिलेगी। और वे दोनों कहते हैं की हाँ हम चाहते हैं की आप दोनों मर जाएँ।
अपने बेटों के मुँह से ये सुनने के बाद बाबू जी को दिल का दौरा पड़ जाता है और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ता है। और उनके हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद दोनों बेटे और बहुवें साथ में हो जाती हैं और प्रॉपर्टी के कागजात लेकर उसपर बाबू जी का अंगूठा ले लेते हैं। और फिर एक दिन बाबू का स्वर्गवास हो जाता है और फिर फिल्म में आगे क्या होगा यह आपको फिल्म देखने के बाद पता चलेगा।