अक्षरा सिंह की लाजवाब भोजपुरी फिल्म है “ऐसा पति मुझे दे भगवान”
Last Updated on June 15, 2024 by Priyanshi
अक्षरा सिंह की लाजवाब भोजपुरी फिल्म है “ऐसा पति मुझे दे भगवान” देखें फिल्म की सारी जानकारी – फिल्म की स्टार कास्ट, फिल्म की रिलीज डेट, फिल्म के निर्माता-निर्देशक, फिल्म की कहानी और फिल्म के गानें।
काफी समय बाद अक्षरा सिंह की एक ऐसी फिल्म आई है जिसमे उनका रोल सबसे बड़ा है यानी की फिल्म के एक्टर से भी बड़ा। और बहुत समय बाद कोई पारिवारिक फिल्म में भी अक्षरा सिंह नजर आ रही हैं। इस फिल्म में अक्षरा सिंह के साथ अंशुमान सिंह राजपूत नजर आ रहे हैं। आज हम इसी फिल्म के बारे में बात करने वाले हैं।
फिल्म का नाम है – “ऐसा पति मुझे दे भगवान” यानि की फिल्म एक पति के ऊपर आधारित होने वाली है और कैसा पति चाहिए एक लड़की को इसके बारे में यह फिल्म है। फिल्म में अक्षरा सिंह पत्नी के रूप में है और अंशुमान सिंह राजपूत पति के रोल में हैं। यह फिल्म परिवारिक भी हैं, फिल्म में कॉमेडी भी है और फिल्म में ड्रामा भी है और फिल्म के अंत में सीरियस सीन भी है।
अक्षरा सिंह और अंशुमान सिंह राजपूत के अलावा ये एक्टर हैं इस फिल्म में
इस फिल्म के सभी कलाकार कुछ इस प्रकार हैं – अक्षरा सिंह, अंशुमान सिंह राजपूत ,अयाज़ खान अमित शुक्ला , विद्या सिंह प्रेम दुबे , ज्योति मिश्रा , पल्लवी कोहली।
इश्तियाक शेख बंटी हैं इस फिल्म के निर्देशक
इस फिल्म के निर्माता निर्देशक की बात करें तो, इस प्रकार हैं इनके नाम –
- निर्देशक – इस्तियाक शेख बंटी
- कथा , पटकथा व संवाद – अरविन्द तिवारी
- संगीतकार- साजन मिश्रा
- गीतकार – अरबिंद तिवारी , प्यारे लाल यादव
- गायक:- प्रियंका सिंह, ज्योति शर्मा ,सुगम सिंह
- संकलन – नागेंद्र यादव
- पोस्ट प्रोडक्शन – आई विज़न
- छायांकन- डी के शर्मा
- कोरियोग्राफर – कानू मुखर्जी, सोनू प्रीतम
- आर्ट डायरेक्टर – संजय कुमार
- निर्माता – संदीप सिंह, अविनाश रोहरा
- म्यूजिक,सॅटॅलाइट और डिजिटल पार्टनर – B4U भोजपुरी
कितने गानें हैं ऐसा पति मुझे दे भगवान भोजपुरी फिल्म में ?
इस फिल्म के ट्रेलर में कुल 3 गानें दिखाए गए हैं जिनके बोल कुछ इस प्रकार हैं :
- हे शिव शंकर हे गिरिराज ऐसा पति मुझे दे भगवान
- बेटा हमर बदलस
- पियवा किस्मत से पवले बानी हो
ऐसा पति मुझे दे भगवान भोजपुरी फिल्म की पूरी कहानी देखें
इस फिल्म की कहानी की बात करें तो यह एक पारिवारिक पृष्ठभूमि पर बनी हुई फिल्म है। फिल्म में अक्षरा सिंह लीड रोल में हैं और लड़कियों की जब शादी नहीं हुई रहती तो वे अपने माता पिता के घर में जिस प्रकार शरारत और नटखटता के साथ रहती हैं उसी प्रकार अक्षरा सिंह भी रहती हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की कोई चिंता नहीं रहती अपनी शादी की और शादी के बाद के जीवन की।
वे देर तक सोती हैं और घर का कोई भी काम नहीं करती जिससे की उनकी माँ बहुत परेशान रहती हैं की शादी के बाद उनका क्या होगा ? इस पर अक्षरा कहती हैं की मुझे ऐसा पति मिलेगा जो की मुझसे कोई भी काम नहीं करवाएगा और इसीलिए तो मैं भगवान शिव की पूजा करती हूँ। और जब अक्षरा की शादी होने वाली होती है तो भगवान शिव की कृपा से उन्हें अंशुमान सिंह राजपूत के रूप में ऐसा पति मिलते हैं जो की सचमुच उनसे कोई काम नहीं करवाते बल्कि उनका सारा काम वे खुद करते हैं।
अंशुमान सिंह अक्षरा सिंह का बहुत ख्याल रखते हैं और उन्हें घर का कोई काम नहीं करने देते, और अक्षरा को रील बनाने का शौक रहता है जिसमे वे उनकी मदद भी करते हैं। ये तो रही पति पत्नी की बात, अब कर लेते हैं अंशुमान के परिवार वालों की बात। अंशुमान के माता पिता और उनके दो और बड़े भाई रहते हैं उनकी भाभियाँ भी रहती हैं।
शादी के पहले दिन से ही अंशुमान के माता पिता उनसे गुस्सा रहते हैं क्योकिं अंशुमान अक्षरा की हर बात मानते हैं उनका पैर दबाते हैं इत्यादि, इन सभी को देखकर अंशुमान की माँ कहती हैं की इसकी पत्नी से इसे जोरू का गुलाम बना लिया है इसलिए ये हर समय उसकी ही बात मानता है हमारी बात नहीं मानता। अक्षरा के इस व्यवहार को देखते हुए अंशुमान की भाभियों पर भी प्रभाव पड़ता है लेकिन उनके पति उन्हें हमेशा अपने कंट्रोल में रखते हैं और कभी कभी तो मारते पीटते हैं।
इन सभी को देखकर अंशुमान के पिता अंशुमान से कहते हैं की सब कुछ तेरी वजह से हो रहा है अगर तू जोरू का गुलाम नहीं होता तो सब ठीक रहता, इस पर अक्षरा कहती हैं की मेरा पति अगर मुझे प्यार करता हैं मेरा सम्मान करता है तो उसमें कोई गलती नहीं है। और कुछ ऐसा होता है की अंशुमान के बड़े भाई उनपर हाथ उठाते हैं और अक्षरा उन्हें रोक लेती हैं जिससे की परिवार के लोग अक्षरा और अंशुमान से बात करना भी नहीं पसंद करते।
और एक दिन रोड पर रील बनाते समय अंशुमान को एक ट्रक से टक्कर लग जाती है जिससे की वे अपाहिज हो जाते हैं और अक्षरा उन्हें अकेले हॉस्पिटल ले जाती हैं और जब हॉस्पिटल से घर आती हैं अपने पति को लेकर तो कोई भी उनकी मदद नहीं करता की अंशुमान को उठाकर घर के अंदर ले जाए। अंशुमान के पिता सबको मना कर देते हैं की कोई उसकी मदद नहीं करेगा।
अक्षरा अकेले अंशुमान की देखभाल करती हैं और भगवान शिव से आराधना करती हैं की उनका पति ठीक हो जाए। इधर अंशुमान के पिता अक्षरा के पिता को बुलाते हैं और कहते हैं की तुम्हारी बेटी की वजह से ही मेरा बेटा अपाहिज हुआ है। अब फिल्म में आगे क्या होगा, क्या अंशुमान ठीक हो पाएंगे ? क्या अंशुमान के घरवाले उन दोनों को अपनाएंगे और क्या अक्षरा अपना व्यवहार ठीक करेंगी या नहीं ? यह सब आपको फिल्म देखने के बाद पता चलेगा।