भोजपुरी में आ रही है “शुभ मंगल सावधान” प्रदीप पांडेय “चिंटू” की फिल्म
Last Updated on June 13, 2024 by Priyanshi
हिंदी फिल्म शुभ मंगल सावधान की तरह ही भोजपुरी में भी शुभ मंगल सावधान फिल्म आ रही है। और इस फिल्म में लीड रोल में हैं चॉकलेटी स्टार प्रदीप पांडेय चिंटू , चिंटू के अलावा इस फिल्म में यामिनी सिंह, आस्था सिंह और संयोगिता भी आपको दिखाई देंगी। इस फिल्म की कहानी हिंदी फिल्म शुभ मंगल सावधान की तरह बिलकुल नहीं है बल्कि राजकुमार राव की फिल्म शादी में जरूर आना की तरह दिखाई दे रही है।
यह फिल्म आधुनिक समाज के ऊपर बनाई गई है जिसमे दहेज़ प्रथा पर ज्यादा जोर डाला गया है। फिल्म में एक सरकारी लड़के की शादी और सरकारी लड़की की शादी के बारे में दिखाया और बताया गया है। तो चलिए देखते हैं शुभ मंगल सावधान भोजपुरी फिल्म की सारी जानकारी।
1 जून को रिलीज किया गया है इस फिल्म का ट्रेलर
प्रदीप पांडेय चिंटू की इस फिल्म का ट्रेलर भोजपुरी के सबसे बड़े चैनलों में से एक वेव म्यूजिक यूट्यूब चैनल पर 1 जून 2024 को रिलीज किया गया है। फिल्म का ट्रेलर अच्छा है और ट्रेलर से आप कहानी के बारे में थोड़ा बहुत अंदाजा लगा सकते हैं लेकिन कुछ कुछ सीन ऐसे है जो आपको समझ नहीं आएंगे। फिल्म के ट्रेलर का वीडियो 4 मिनट 35 सेकंड का है। ट्रेलर में कई गाने भी दिए हुए हैं और गाने जैसा की अमूमन प्रदीप पांडेय चिंटू की फिल्म में होते हैं अच्छे नहीं हैं।
कौन कौन हैं इस फिल्म की स्टार कास्ट में ?
इस फिल्म की स्टार कास्ट की बात करें तो आपको प्रदीप पांडेय चिंटू मेन भूमिका में दिखेंगे साथ ही यामिनी सिंह, आस्था सिंह, और संयोगिता एक्ट्रेस इस फिल्म में दिखाई देंगी। और बाकी कलाकारों के नाम इस प्रकार हैं देव सिंह, स्वर्गीय बृजेश त्रिपाठी और लोटा तिवारी।
देखें कौन हैं इस फिल्म के निर्माता निर्देशक ?
- निर्माता- विक्टर राघव,संदीप छारी
- निर्देशक – सुजीत कुमार सिंह
- डी.ओ.पी.- गोला लिंगा बाबू यादव।
- लेखक- वीरू ठाकुर
- संपादक- दीपक जौल
- संगीत चालू – आम झा, छोटे बाबा, प्रकाश बारूद
- गीत – प्यारेलाल कवि जी, राकेश निराला, उमालाल यादव, प्रकाश बारूद, और छोटू यादव
- एक्शन – एस मल्लेश
- डांस मास्टर – कानू मुखर्जी
- एसोसिएट डायरेक्टर – राहुल दिवेदी
- कार्यकारी निर्माता – प्रशांत दिवेदी
- कंपनी/लेबल – वेव म्यूजिक
- डिजिटल मार्केटिंग – लोकधुन
कैसे हैं इस फिल्म के गानें ?
इस फिल्म के सभी गानें अच्छे नहीं हैं, कुछ गानें अच्छे हैं। हमने बहुत पहले से देखा हैं की प्रदीप पांडेय चिंटू की फिल्म में अच्छे गानों पर जोर नहीं दिया जाता। जबकि किसी और भोजपुरी स्टार जैसे की दिनेश लाल यादव, खेसारी लाल यादव, पवन सिंह इत्यादि की फिल्मो में कई गानें अच्छे होते हैं जो की लोगो द्वारा बहुत पसंद किये जाते हैं।
क्या कहानी है इस भोजपुरी फिल्म की ?
इस फिल्म की कहानी शुरू होती है प्रदीप पांडेय चिंटू की शादी की चर्चा से। उनकी शादी के लिए इनके माता पिता बहुत कोशिश करते हैं लेकिन सारे लड़की वाले उनसे एक ही सवाल पूछते हैं की क्या वे सरकारी नौकरी करते हैं या नहीं ? और जब उनको जवाब मिलता है नहीं, वे सरकारी नौकरी नहीं करते तो लड़की वाले रिश्ते की बात वहीं खत्म करके चले जाते हैं और उनकी शादी नहीं हो पाती।
ऐसा चिंटू के साथ बहुत बार हो चुका होता है। और इसी क्रम में वे यामिनी सिंह से भी मिलते हैं और आस्था सिंह से भी मिलते हैं लेकिन उनकी शादी इन दोनों से भी इसी वजह से नहीं हो पाती है। और फिर उनकी माँ कहती हैं की तुम्हारे ऊपर कोई पनौती लगी है जिससे की तुम्हारी शादी नहीं हो रही है और इस पनौती को उतारने के लिए तुम्हें पंडित जी ने कहा है की भैंस से शादी करनी होगी और चिंटू फिर भैंस से भी शादी कर लेते हैं लेकिन उनकी शादी फिर भी नहीं तय हो पाती।
और फिर चिंटू एक निर्णय लेते हैं, वे बीच चौराहे पर एक बोर्ड पर ये लिखकर खड़े हो जाते हैं की उनको शादी के लिए सरकारी नौकरी वाली लड़की चाहिए और दहेज वे लेंगे नहीं बल्कि देंगे। और फिर जब यह खबर टीवी पर पहुँचती है तो संयोगिता जो की फिल्म की लीड एक्ट्रेस हैं उनके पिता उन्हें अपने घर शादी की बात करने के लिए बुलाते हैं और उनसे कहते हैं मेरी लड़की PCS अफसर है आप कितना दहेज दीजियेगा ? चिंटू कहते हैं की 20 लाख रूपया मैं दहेज दूंगा। और फिर चिंटू की शादी संयोगिता से हो जाती है लेकिन संयोगिता को ये नहीं पता रहता की चिंटू ने उनके पिता को दहेज दिया है। जब उनको ये बात पता चलती है तो वे अपने पिता के पास जाकर उनसे पूछती हैं की आपने ऐसा क्यों किया ? तो उनके पिता कहते हैं की समाज में बदलाव आये इसलिए उन्होंने ऐसा किया। हमेशा लड़की वाले ही क्यों दहेज दें, जब लड़की पढ़ी लिखी हो और अपने पैरों पर खड़ी हो तो लड़के वालों को भी दहेज देना चाहिए।
चिंटू और संयोगिता का शादी शुदा जीवन अच्छा नहीं चलता क्योंकि संयोगिता के ऑफिस वाले ये सोचते हैं की मैडम PCS हैं तो उनके पति भी किसी बड़ी पोस्ट पर होंगे जबकि ऐसा नहीं होता। और फिर उन दोनों में छोटे मोटे झगड़े होते हैं और बात तलाक तक पहुंच जाती है। इधर देव सिंह जो की इस फिल्म में मुख्य विलेन हैं वे संयोगिता को 10 लाख रूपए देते हैं और उनको उनकी फाइल पर साइन करने के लिए कहते हैं। लेकिन वे साइन नहीं करती लेकिन वे दस लाख रूपए उनकी गाड़ी में क्राइम ब्यूरो द्वारा पकड़ लिए जाते हैं और जब उनसे पूछताछ की जाती है इसके बारे में तो वे कहती हैं की उन्होंने ये पैसे नहीं लिए और उन्हें नहीं पता की ये पैसे उनकी गाड़ी में कैसे आये।
लेकिन ब्यूरो की टीम उन्हें दोषी मानकर उनको उनके पद से हटा देती है और अचानक ही उनका एक्सीडेंट हो जाता है। चिंटू को ये बात पता रहती है उनकी बीवी ने घूस नहीं लिया है और वे बेगुनाह हैं और इसी वजह से वे इस मामले की खोजबीन करते हैं। और अंत में क्या संयोगिता बेगुनाह साबित हो पाएंगी या नहीं और उनका तालक होगा या नहीं यह सब जानने के लिए आपको यह फिल्म देखनी पड़ेगी।