रवीश कुमार ने भोजपुरी में अश्लीलता के बारे में कही ये तीखी बातें !
Last Updated on June 27, 2024 by Priyanshi
रवीश कुमार जो की देश के एक जाने माने न्यूज एंकर और समीक्षक हैं उन्होंने भोजपुरी में फैल रही अश्लीलता के बारे में कुछ तीखी बातें कही हैं और आज हम उन्ही बातों के बारे में और इस विषय पर अपने कुछ विचारों के बारे में आप सबको बताने जा रहे हैं।
सबसे पहले देखें की रवीश कुमार ने भोजपुरी में फैल रही अश्लीलता के बारे में क्या कहा ?
रवीश कुमार ने अपने यूट्यूब चैनल जिसका नाम बिहान है उस पर एक वीडियो डाली है और भोजपुरी के इस सबसे चर्चित विषय पर विस्तार से अपने विचार बताये हैं। सबसे पहले रवीश कुमार कहते हैं की मैं अपने चैनल के लिए यूट्यूब पर रिसर्च कर रहा था की भोजपुरी में मैं किस प्रकार की वीडियो बनाऊं और ऐसा करते हुए मुझे भोजपुरी के बहुत सारे गाने दिखें जो की बहुत ही अजीब थें लेकिन उनके व्यूज सबसे ज्यादा थे।
बहुत सारे गानें मुझे मिले जिनमे स्त्री के शरीर के अंगो को लेकर गानें के बोल बनाये गए थे और स्त्री से अंगो को पोस्टर में भी इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा की यह कौन सा समाज है जो स्त्री को एक तरफ कहता है की आप आगे बढ़ो आत्मनिर्भर बनो और दूसरी तरफ उसी स्त्री के शरीर के अंगो को लेकर गानें बनाता है और पोस्टर भी बनाता है। जिसप्रकार से स्त्री के देह को इस्तेमाल किया जा रहा है उससे स्त्री दुर्बल होती है न की सबल।
भोजपुरी के गानें के बोल को और कैमरा के एंगेल को देखा जाना चाहिए और इस पर बहस होनी चाहिए की क्या इसके अलावा और कोई विषय और वस्तु पर गाना नहीं बनाया जा सकता।
रवीश कुमार ने सबसे पहले रितेश पांडेय के भोजपुरी गानें “लवंडिया लन्दन से लाएंगे” गानें का नाम लिया जिसमे साफ़ तौर पर एक लड़की के बारे में कहा गया है। उन्होंने न सिर्फ भोजपुरी कलाकारों के बारे में कहा बल्कि भोजपुरी दर्शकों के बारे में भी कहा की आज लोगो की सोच और समझ ऐसी हो गई है की लोग ऐसे गानों को ही ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
क्या आम दर्शक की ये जिम्मेदारी नहीं बनती की ऐसे गानें को बढ़ावा न दें जिससे की ऐसे गानें बनना बंद हो जाएँ। और गानें बनाने वालों को क्या सिर्फ औरत का शरीर ही दिख रहा है ? वे लोग गांव, खेत, खलिहान, समाज के ऊपर गानें क्यों नहीं बनाते ?
उन्होंने कहा की मैं सभी से ये प्रश्न पूछता हूँ – पवन सिंह से भी, खेसारी लाल से भी, रितेश पांडेय से भी, शिवानी सिंह से भी और अन्य लोगों से भी की उनके गानें में सिर्फ औरत के बारे ऐसे चित्रण क्यों हो रहे हैं जैसे की लिपस्टिक, कमरिया, फराक और भी कई प्रकार के, इसके बारे में विचार होना चाहिए क्योकिं ऐसे गानों से समाज में एक गलत संदेश जाता है जो की आज की नई पीढ़ी के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं है।
उन्होंने कहा की भोजपुरी इंडस्ट्री में बहुत छमता है की वे समाज को अच्छा मनोरंजन और संदेश दे सकते हैं लेकिन यदि ऐसे ही गानें बनते रहें तो भोजपुरी सिनेमा कभी भी ऊंचाई पर नहीं जा पायेगा। हिंदी सिनेमा में भी आइटम सांग होते हैं लेकिन वहां पर पूरी फिल्म में एक गाना होता है लेकिन भोजपुरी सिनेमा में हर एक गाना आइटम सांग बनता जा रहा है जिसे हमें रोकना होगा।
ऐसे ही गानें बनने से समाज की सोच भी ऐसे ही होती जा रही है जो की बहुत ही ख़राब बात है। लफुआ के ऊपर गानें बन रहे हैं जिससे आज के लड़के खुद को लफुआ समझ कर घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा की भोजपुरी के बहुत सारे कलाकार पहले ही अच्छे अच्छे गीत बना चुके हैं लेकिन आज के गानें मुझे बिलकुल भी अच्छे नहीं लगते। आज हमारे समाज की लड़कियां बहुत ही मेहनत कर रही हैं आगे बढ़ रही हैं और स्कूल आते जाते ऐसे ही गानें उनको सुनने को मिलते हैं जो की उनके लिए और हमारे लिए भी बड़े शर्म की बात है।
भोजपुरी में फैल रही अश्लीलता के बारे में हमारे विचार
सबसे पहले तो रवीश कुमार की सभी बातों का हम समर्थन करते हैं। भोजपुरी में ऐसे गानें नहीं बनने चाहिए जो की सिर्फ स्त्री और उसके शरीर के अंगो के बारे में चित्रण करते हैं। और किसी भी स्त्री या लड़की के नाम से गानें नहीं बनने चाहिए।
जो अभी के समय की सबसे खास बात है की कुछ बड़े भोजपुरी स्टार जिसमे की पवन सिंह, खेसारी लाल यादव भी शामिल हैं कुछ ऐसी एक्ट्रेस के साथ गानें इन्होने बनाये जिसका डांस से बहुत ज्यादा लेना देना नहीं है बल्कि वह अपने शरीर को ज्यादा दिखा रही हैं। और गानें के पोस्टर पर भी उसके शरीर का चित्रण बहुत ही ज्यादा किया जाता है।
हमारा ये मानना है की भोजपुरी सिनेमा में ऐसी किसी व्यक्ति को काम नहीं मिलना चाहिए जिसका मुख्य कार्य ही अपने शरीर को दिखाना हो। और यह सब केवल व्यूज के लिए किया जा रहा है और व्यूज मिल भी रहे हैं। कुछ एक्टर को छोड़ दें तो बाकी सभी एक्टर की फिल्मो की क्वालिटी गिर रही है, वे सभी इस पर कार्य कर सकते हैं। भोजपुरी सिनेमा आजकल सिर्फ गानों पर आकर सिमटती जा रही है। फिल्मो की गुणवत्ता के बारे में कोई नहीं सोच रहा है।
दिनेश लाल यादव निरहुआ एकमात्र ऐसे एक्टर हैं जो की कहते हैं की फिल्मो के ऊपर काम करें, गानें के व्यूज के ऊपर मत भागें लेकिन सुने कौन। सबको बस इतने मिलियन व्यूज चाहिए उनके गानों पर जिसकी वजह से वे हर वो चीज़ करना चाह रहे हैं जिससे उनको सबसे ज्यादा व्यूज मिल जाएँ।